अमृत तुल्य त्रिफला चूर्ण; इस महा औषधि के हैं कई फायदे, आप भी जाने।
त्रिफला एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है तीन फल, जी हां, त्रिफला तीन फलों के नाम से बना एक चूर्ण है जो एक आयुर्वेदिक औषधि है। यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। त्रिफला को हजारों सालों से आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। त्रिफला जिन तीन फलों से मिलकर बनाया जाता है वे है आंवला, हरड़ या हरितकी और बहेड़ा या विभितकी. आयुर्वेद में त्रिफला को शारीरिक स्वास्थ्य और जीवन शक्ति को बनाए रखने और बीमारियों को ठीक करने के लिए असरदार माना जाता है। इन तीनों फलों के अपने अलग-अलग बहुत सारे फायदे हैं और जब इन तीनों का चूर्ण बनाकर इस्तेमाल किया जाता है तो यह महाऔषधि बन जाती है। आइए जानते हैं कि इन 3 फलों के क्या फायदे हैं?
१ आवंला
– आयुर्वेद मेंआंवला को अमृत फल भी कहा जाता है। यह छोटा सा फल विटामिन सी से भरपूर होता है। इसका सेवन फल ,जूस व चूर्ण के रूप में किया जाता है। इसमें मौजूद विटामिन सी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का महत्वपूर्ण काम करता है। विटामिन सी के अतिरिक्त आंवले में एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं जो हमारी बॉडी की फ्री रेडिकल से रक्षा करते हैं। आमला पेट में गैस्ट्रिक जूस को बढ़ाता है और पाचन में भी सहायता करता है। इसके सेवन से बालों और स्किन में भी चमक आती है।
२ हरड़
हरड़ अपने लैक्सटिव गुणों के लिए जाना जाता है। यह कब्ज को ठीक करता है। हरड़ में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं तो यह जोड़ों के दर्द और गठिया जैसी सूजन से जुड़ी बीमारियों को दूर करता है। हरड़ के सेवन से ओरल हेल्थ भी इंप्रूव होती है। यह मसूड़ों की बीमारियों को ठीक करने के लिए भी कारगर है।
३ बहेड़ा या विभितकी
त्रिफला का तीसरा फल है, बहेड़ा. यह शरीर को डिटॉक्स करने का काम करता है। वेस्ट मटेरियल और टॉक्सिंस को शरीर से बाहर करता है। अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण यह त्वचा को चमकदार बनाता है और एजिंग के सिम्टम्स को भी कम करता है। इसका इस्तेमाल अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस से जुड़ी समस्याओं के इलाज में भी किया जाता है।
जब यह तीनों फलों को साथ में लाकर इसका सेवन किया जाता है तो यह एक दूसरे के लाभों को बढ़ाते हैं और एक शक्तिशाली उपचार बन जाते हैं जिसका प्रयोग और इतने सालों से किया जाता है। त्रिफला सामग्री का सही संतुलन हमें इसे उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त बनाता है जो संपूर्ण स्वास्थ्य बनाए रखना चाहते हैं।
त्रिफला चूर्ण के फायदे
१ पाचन में सहायक
त्रिफला डाइजेस्टिव हेल्थ को इंप्रूव करता है। इसके औषधीय गुण पाचन शक्ति में सुधार कर पेट से जुड़ी परेशानियों से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद आवंला डाइजेस्टिव जूसस को बढ़ाता है जो खाने को अच्छे से पचाने का काम करते हैं। यह पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं जैसे कब्ज और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम को भी ठीक करता है।
२ शरीर को डेटॉक्स करता है।
शरीर में जमा टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करता है। पाचन तंत्र से वेस्ट मटेरियल को शरीर से हटाता है और शरीर को शुद्ध कर रखने का काम करता है।
३ कब्ज दूर करें
त्रिफला चूर्ण के सेवन से कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। आजकल लोगों में कब्ज की परेशानी आम देखने को मिलती है। त्रिफला चूर्ण का सेवन गुनगुने पानी के साथ करने से कब्ज़ से छुटकारा मिलता है और इसके नियमित सेवन से मल त्यागने में आसानी होती है।
4 त्वचा के लिए फायदेमंद
त्रिफला में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण स्किन से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती है। इसके नियमित सेवन से पिंपल्स, फाइन लाइंस, झाइयां और एजिंग की समस्याएं भी दूर होती हैं।
5 वजन कम करने में सहायक
जो लोग अपना वजन घटाना चाहते हैं, उन्हें त्रिफला का सेवन करना चाहिए। त्रिफला के सेवन से बॉडी मेटाबॉलिज्म ठीक होता है और इसकी वजह से आप अपना वजन कम कर सकते हैं। यह पाचन को बढ़ाने और शरीर में फालतू फैट की मात्रा को कम करने में मदद करता है।
6 आंखों के लिए गुणकारी
यह कई आंखों की बीमारियों और आंखों की दृष्टि में सुधार के लिए भी फायदेमंद है। त्रिफला पानी से आंखें धोने से आंखें स्वस्थ रहती हैं। इसके उपयोग से आंखों में जलन व लालिमा भी ठीक होती है।
7 बालों के लिए भी लाभप्रद!
त्रिफला में विटामिन सी की मात्रा काफी होती है और इसी कारण यह बालों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है। अपने रक्तशोधक गुणों के कारण भी त्रिफला बालों को फायदा देता है जैसा कि आप जानते हैं, त्रिफला का एक तत्व आंवला होता है और आंवला बालों को मजबूती देता है। उनका रंग और चमक भी बनाए रख त्रिफला के पेस्ट को बालों में लगाएं और आधे घंटे बाद धो लें। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है।
8 गठिया और सूजन में राहत
त्रिफला में anti-inflammatory गुण होते हैं जो गठिया और जोड़ों की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। त्रिफला चूर्ण के सेवन से जोड़ों का दर्द और सूजन में आराम मिलता है।
9 दांत और मसूड़ों की रक्षा
त्रिफला चूर्ण के पानी से गरारा करने और मुंह धोने से इनसे संबंधित परेशानियों से बचा जा सकता है। अगर आप के मसूड़ों से खून आता है तो आप त्रिफला का सेवन करें। त्रिफला में anti-inflammatory और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं तो त्रिफला जल को मुंह में भर कर कुछ देर रखें और फिर उसे निकाल दें। इससे आप अपने मसूड़ों की सूजन दांतों में कीड़ा लगना और मुंह की दुर्गंध जैसी समस्याओं को ठीक कर सकते हैं।
यह तो है त्रिफला के फायदे पर इसका आप कम मात्रा में ही सेवन करें।रोज़ाना १ छोटा चमच्च त्रिफला ही काफी है . ज्यादा लाभ लेने के चक्कर में आप इसका ज्यादा सेवन ना करें क्योंकि इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। गर्भावस्था में इसका सेवन नहीं करना चाहिए और छोटे बच्चों को भी इस से दूर रखें। अधिक मात्रा में लेने से दस्त और पेट खराब होने की समस्याएं हो सकती है तो आप इसका ध्यान रखें।